Monday, November 16, 2009

मध्यप्रदेश विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद् की अभिनव पहल
भोपाल में स्थापित होगा ग्रामीण प्रौद्योगिकी केन्द्र

भोपाल। मध्यप्रदेश विज्ञान एवं प्रौद्योगि (मैपकाॅस्ट) की परिषद् ने विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में अभिनव प्रयोग किया है। मैपकाॅस्ट द्वारा एक तरफ जहां परंपरागत विज्ञान को संरक्षित करने के लिए दस्वावेजीकरण किया जा रहा है वहीं भोपाल में ग्रामीण प्रौद्योगिकी केन्द्र की स्थापना भी की जा रही है। 17 सितंबर को मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान ने विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, प्रधानमंत्री के वैज्ञानिक सलाहकार मंडल में ग्रामीण प्रौद्योगिकी के प्रमुख मेजर एस. चटर्जी और परिषद के महानिदेशक डाॅ. प्रमोद कुमार वर्मा सहित सैकड़ों कारीगरों और शिल्पियों के समक्ष ग्रामीण प्रौद्योगिकी केन्द्र के स्थापना की घोषणा की।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान ने कहा कि विज्ञान और अध्यात्म एक-दूसरे के पूरक हैं। भारत में प्राचीन काल से ही ज्ञान और विज्ञान की उन्नत परंपरा रही है। आज आवश्यकता इस बात की है कि हम ग्रामीण प्रौद्योगिकी की पहचान कर उसे स्वावलंबन और विकास के साथ ही रोजगार का जरिया भी बनाएं। इसी आवश्यकता को ध्यान में रखकर इस प्रौद्योगिकी केन्द्र की स्थापना की जा रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह केन्द्र प्रदेश में व्याप्त ग्रामीण प्रौद्योगिकी की पहचान कर परंपरागत ज्ञान एवं उनके जानकार लोगों को बढ़ावा देकर संरक्षण और संवर्द्धन का काम करेगी। श्री चैहान विश्वकर्मा जयंती के अवसर पर आयोजित दो दिवसीय ‘‘मध्यप्रदेश ग्रामीण प्रौद्योगिकी पर्व’’ के शुभारंभ अवसर पर बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि विज्ञान और प्रौद्योगिकी की सार्थकता तभी है, जब इसका लाभ गरीबों, श्ल्पिियों और कारीगरों को मिले। इस अवसर पर उन्होंने भारतीय गांवों की सम्पन्न वैज्ञानिक परंपरा का उल्लेख करते हुए कहा कि पुराने जमाने में भारत के ग्राम पूर्णतया सक्षम और आत्मनिर्भर इकाइ थे। गांव अपनी जरूरतों और आवश्यक परिवर्तनों के हिसाब से प्रौद्योगिकी का विकास भी करते थे। हमें पुनः वैसी स्थिति पैदा करनी है, ताकि प्रदेश के गांवों को आत्मनिर्भर, सम्पन्न और सक्षम बनाया जा सके। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने परिषद द्वारा ्तीन पुस्तकों का लोकार्पण भी किया। प्रदेश के विभिन्न अंचलों से आए एनजीओ, कारीगरों और शिल्पियों ने स्वयं के द्वारा निर्मित सामग्रियों की प्रदर्शनी भी लगाई थी।
कार्यक्रम की अध्यक्षता मध्यप्रदेश शासन के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री ने की। अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में श्री विजयवर्गीय ने कहा कि पूरे देश और विशेषकर मध्यप्रदेश में ज्ञान-विज्ञान बिखरा पड़ा है। आज जरूरत इस बात की है कि ग्रामीण और जनजातीय अंचलों में व्याप्त वैज्ञानिक पद्धतियों को सहेजकर रखा जाए। ज्ञान-विज्ञान और प्रौद्योगिकी को आम लोगों की भाषा में उपलब्ध कराना भी अत्यन्त आवश्यक है। इसी मद्देनजर विज्ञान को स्थानीय भाषा में प्रस्तुत करने और जानने की कोशिश की जा रही है।
प्रधानमंत्री के वैेज्ञानिक सलाहकार मंडल के वरिष्ठ सदस्य मेजर एस. चटर्जी इस अवसर पर विशेषरूप से उपस्थित थे। मेजर चटर्जी ने कहा कि मध्यप्रदेश विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद्में शीघ्र ही भारत सरकार के ग्रामीण प्रौद्योगिकी संकाय का नोडल सेन्टर स्थापित किया जायेगा।
परिषद् के महानिदेशक डाॅ. पी. के. वर्मा ने इस अवसर पर मैपकाॅस्ट की गतिविधियों और उपलब्धियों पर प्रकाश डालते हुए राज्य शासन और केन्द्र सरकार को अपनी अपेक्षाओं से भी अवगत कराया।
मध्यप्रदेश ग्रामीण प्रौद्योगिकी पर्व के शुभारंभ अवसर भोज मुक्त विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. एस.के. सिंह, राजीव गांधी तकनीकी विश्वविद्यालय के कुलपति डाॅ. पीयूष त्रिवेदी, वरिष्ठ वैज्ञानिक डाॅ. भरत सिंह, डाॅ. आर.एस. श्रीवास्तव और डाॅ. राजेन्द्र श्रीवास्तव विशेष रूप से उपस्थित थे। दो दिवसीय ग्रामीण प्रौद्योगिकी पर्व पर 22 जिलों के 200 से अधिक कारीगर और शिल्पी अपने उत्पादों के साथ उपस्थित थे। इस अवसर पर परिषद् के परिसर में 50 स्टाॅल भी लगाए गए थे।

अंतरराष्ट्रीय वेधशाला और हाइब्रिड तारा मंडल उज्जैन में
मैपकाॅस्ट के वरिष्ठ वैज्ञानिक राजेश शर्मा ने जानकारी दी कि उज्जैन में देश का पहला हाइब्रिड तारामंडल और अंतरराष्ट्रीय स्तर की वेधशाला निर्माणाधीन है। यह तारामंडल विश्व का चैथा और भारत का पहला तारामंडल होगा।

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